पेय पदार्थो से प्रीमैच्योर डिलीवरी ?

गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं सोडायुक्त पेय पदार्थो का सेवन करती हैं, उनमें प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है। ब्रिटेन में हुए एक शोध के बाद यह खुलासा किया गया है।

विशेषज्ञों के अनुसार सोडायुक्त सॉफ्ट ड्रिंक्स में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का उपयोग किया जाता है। इसी वजह से उनकी समय से पहले डिलीवरी होने की आशंका बढ़ जाती है। अध्ययन में यह सामने आया है कि जिन पेय पदार्थो में एस्पार्टटैम्स जैसे स्वीटनर्स का प्रयोग किया जाता है, वह गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। शोधकर्ताओं ने करीब 60 हजार ऐसी महिलाओं पर शोध किया, जिन्होंने अपनी गर्भावस्था के दौरान कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन किया था।



ब्रिटिश हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय है कि गर्भावस्था में महिलाओं को ऐसे खाद्य और पेय पदार्थो से परहेज करना चाहिए, जिनमें केमिकल्स हों। वहीं एक अन्य स्वीटनर मेथैनॉल के चलते भी डिलीवरी का समय सामान्य से अधिक भी हो सकता है। कृत्रिम स्वीटनर के आलोचकों का कहना है कि यह नर्व टॉक्सिन जैसा है, जिसके सेवन से शरीर में फॉर्मिक एसिड का निर्माण होता है।

इतना ही नहीं इससे फॉर्मेल्डिहाइड नामक केमिकल का भी निर्माण होता है। यह रसायन आम तौर पर मृत शरीर को सुरक्षित रखने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। शोध में यह भी साबित हुआ है कि ऐसे पेय पदार्थो से परहेज करके गर्भवतियों में प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा 38 फीसदी तक कम हो सकता है। वहीं, जो महिलाएं रोजाना चार या इससे अधिक कैन्स का सेवन करती हैं, उनमें यह खतरा 78 फीसदी तक बढ़ सकता है।