अब मीठी चाय को ना कहे, ना !
क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के मनोवैज्ञानिकों ने पाया है कि जो लोग बिल्कुल फीकी चाय पीने की बजाय उसमें एक चम्मच शकर डालकर पीते हैं, उन्हें गुस्सा कम आता है।
वे फिजूल की बहस से दूर रहते हैं। यहां तक कि दफ्तर के तनावभरे माहौल में भी यदि कोई झगड़े के लिए उकसाए तो एक चम्मच शकर वाली चाय आपका दिमाग ठंडा कर सकती है।
यह शकर आपके दिमाग को पर्याप्त ऊर्जा उपलब्ध कराती है। इससे भावनाओं का ज्वार शांत पड़ जाता है। इससे आप दूसरों के साथ नरमी से पेश आते हैं, जिससे झगड़े की नौबत ही नहीं आती।
क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के मनोवैज्ञानिकों ने पाया है कि जो लोग बिल्कुल फीकी चाय पीने की बजाय उसमें एक चम्मच शकर डालकर पीते हैं, उन्हें गुस्सा कम आता है।
वे फिजूल की बहस से दूर रहते हैं। यहां तक कि दफ्तर के तनावभरे माहौल में भी यदि कोई झगड़े के लिए उकसाए तो एक चम्मच शकर वाली चाय आपका दिमाग ठंडा कर सकती है।
यह शकर आपके दिमाग को पर्याप्त ऊर्जा उपलब्ध कराती है। इससे भावनाओं का ज्वार शांत पड़ जाता है। इससे आप दूसरों के साथ नरमी से पेश आते हैं, जिससे झगड़े की नौबत ही नहीं आती।