........ सब कुछ डगमगाने लगता है

नींद एक ऐसी जरूरत है जो कि यदि पूरी ना हो तो सब कुछ डगमगाने लगता है क्योकि हमारा शरीर एक बायोलोजिकल  घडी के हिसाब से चलता है जिसका कि अपना एक कार्यचक्र होता है और इस कार्यचक्र से छेड़छाड़  करने पर यह हमारे दिमाग के सोचने समझने कि शक्ति को प्रभावित करना शुरु कर देता है और फिर धीरे धीरे यही एक इनसोम्निया,यानी नींद न आने की बीमारी के रूप में प्रकट हो जाता है. 



इनसोम्निया,यानी नींद न आने की बीमारी के शिकार लोगों को चैन की नींद सुलाने के लिए मशीन तैयार की गई है। ऑस्ट्रेलियाई खोजकर्ताओं के दिमाग की उपज यह मशीन व्यक्ति को ठीक उसी तरह से सुलाती है, जैसे मां अपने बच्चे को थपकी मारकर सुला देती है। 

फिलिप्स स्लीपवेव नाम की इस मशीन को कान के पीछे की हड्डी से जोड़ा जाता है। वहां से यह बिजली के सूक्ष्म संकेत भेजती है। इससे व्यक्ति को चैन का अहसास होता है और फिर वह गहरी नींद सो जाता है। व्यक्ति के सोते ही यह मशीन अपने आप बंद हो जाती है। 

बिना दवाओं के गहरी नींद दिलाने वाली यह दुनिया की एकमात्र मशीन है। यह इनसोम्निया के गंभीर मरीजों को भी सुला देती है। 

इसकी कीमत 440 डॉलर (20,500 रु.) है।