थोड़ी कसरत, थोड़ी मस्ती


अगर आप एक ही तरह की वर्जिश करते हुए बोर हो गए हों, तो थोड़े-से बदलाव के साथ कुछ नया करने की कोशिश करें। डंबल्स के साथ वाकिंग और विशेष तरह का योगा आपके लिए ही है..

मूविंग डंबल्स
सिर्फ़ टहलने को भूल जाइए। डंबल्स के साथ वाकिंग या फिर जॉगिंग नई टेक्निक है। फिटनेस एक्सपर्ट वेनेंसियो डिसूजा बताते हैं कि इस एक्सरसाइज में शरीर के चारों लिम्स शामिल होते हैं। डंबल्स से पंप करने की दशा में न सिर्फ़ अपर और लोअर बॉडी इन्वाल्व होती है, बल्कि बॉडी की कंडीशनिंग के मामले में दोनों हिस्सों का बराबर योगदान होता है।



सैंडबैग
और अगर आपको वजन उठाने में मजा आता है, तो सैंडबैग्स आपके लिए ही हैं। मिशेल डिसूजा कहती हैं कि सैंडबैग उठाना, डंबल्स उठाने से बिल्कुल अलग है। चूंकि सैंडबैग अस्थिर रहता है, इसलिए आपको अन्य मसल्स भी मूव करनी पड़ती हैं। इसका ख़ास फ़ायदा यह है कि आप इसे अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें चोट लगने का ख़तरा कम रहता है। यह ट्रेनिंग आपको रोजाना के कामों के लिए तैयार करती है, मसलन बच्चे को गोद में लेना या फर्नीचर जैसे भारी सामान उठाने के काम। इसमें ढेर सारी एक्सरसाइज हैं, सो आप बोर भी नहीं होते।

एक्रोयोगा
डिआन पांडे एक्सपर्ट मार्क ग्रेगलिया से एक्रोयोगा की ट्रेनिंग ले रहे हैं। एक्रोयागा दरअसल थाई मसाज, योग और एक्रोबेटिक्स का मिश्रण है। डिआन बताते हैं कि कुछ लोग इसे ‘पार्टनर योगा’ भी कहते हैं। इसके लिए दो लोगों की जरूरत होती है। एक व्यक्ति बेस बनता है, जबकि दूसरा फ्लायर। अक्सर इसमें एक तीसरे शख्स की जरूरत भी पड़ती है, जो शुरुआती कुछ सेशन में फ्लायर की स़ेफ्टी सुनिश्चित करता है। एक्रोयोगा स्ट्रेस रिलीवर है और स्पाइन के जोड़ खोल देता है। यह चुनौतीपूर्ण तो है, पर रोमांचक भी।