तेरी याद सताती है ...................

मेरा लाल 
पापा कहते हुए जब वो मेरी गोद में आता था, 
तभी दिन भर कि थकान से मानो मै एकदम से निजात पा जाता था .
लेकिन आज अचानक ना जाने क्यों ऐसा लगा कि अब घर जाना बेकार है
वहा भी वो ही बोझ और अंधकार है,  
ना हल्का हो पाउँगा आज मै, 
क्योंकि, उसको ले कर उसकी मम्मी, 
आज अपने पीहर जो चली गयी है 
बड़ा ही मनहूस दिन है, जो उसके बिना घर को जा रहा हूँ  मै 
उसकी एक नादान सी हंसी को अपनी यादों में लिए बस जिये जा रहा हूँ मै 
सोचता हूँ कि क्या वाकई में इसे ही कहते है लगाव, 
जिस से ही कम होता है यह थका देने वाला तनाव.
बस दिल ये बोल रहा है जल्दी से आज मेरे लाडले और समाजा मेरे दिल के पलने में 
मिटा दे ये दूरियां और बुझा दे यह अँधियारा 
बस एक बार हाँ बस एक बार 
फिर से बोल पापा और समाजा मेरी गोद में 
नहीं रह सकता तेरे बिना, नहीं जी सकता तेरे बिना 
बस छोड़ रहा हू कलम यही अब मै, क्योंकि अब कुछ और लिखा तो सची अब रो पडूंगा मै ............................तेरा पापा