करत करत अभ्यास जड़मति होत सुजान........................


करत करत अभ्यास जड़मति होत सुजान........................की कहावत इंग्लैंड की क्रिकेट टीम पर पूरी तरह से चरितार्थ होती है क्योंकि इस टीम ने ऐसे नासूर को झेला है जो की इस जैसी टीम के लिए दुस्वपन की तरह था कोई भी देश की और किसी भी खेल की टीम इस दुस्वपन को जीना तो दूर देखना भी नहीं चाहेगी  और इसी का परिणाम २०१० के २०-ट्वेंटी वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के फ़ाइनल मैच में देखने को मिला.

शुरुआती मैच में जहा यह टीम लय में नहीं आ पा रही थी और अपना पहला ही मैच वेस्ट इंडीज से हार बैठी और उसके बाद अन्य मैच में बारिस ने अन्य टीम से अंको का बटवारा करवा दिया. लेकिन कहते है ना की मैदान में वीर ही गिरते है लेकिन वो जब फिर से उठ के खड़े होते है तो और भी ताकत से लड़ते है और जैसे ही इंग्लैंड को किस्मत का सहारा मिला तो उसने फिर इतिहास बना दिया और अपने ऊपर लगे एक लम्बे धब्बेनुमा दाग के इतिहास को बदल के एक सुखद कहानी लिख डाली. और आज टी-२० वर्ल्ड कप के ताज की मालिक बन के चारो और वाह वाही लुटने की हकदार बन गयी है .



यहाँ यह सब इस लिए कहा जा रहा है क्योंकि हमारे देश की टीम में भी एक से बढकर एक बढ़िया प्लयेर है लेकिन वो पैसो की और मीडिया की चमक में ऐसे गुम हो गए है की उनकी नज़र से खेल कोसो दूर हो गया है . किसी टीम के सभी प्लयेर्स में एक ही प्रकार की खामी होना नामुमकिन है लेकिन सभी देशो की क्रिकेट टीम ने  भारतीय खिलाडियों की बौंस बोल को ठीक से नहीं खेल पाने की कमी को पहचाना और इसका फायदा उठाते हुए हमरी टीम को टूर्नामेंट के बाहर का रास्ता दिखा दिया. जो कुछ भी है लेकिन इंग्लैंड की टीम वास्तव में तारीफ की हकदार है और पूरे संसार भर से उसे यह बेसुमार रूप से मिल रही है .