ऑन रेकॉर्ड जनवरी से लेकर अप्रैल के बीच दुनिया भर में धरती और समुद्र की सतह का तापमान सबसे ज्यादा ऊंचा रहा। इसके अलावा अप्रैल भी सबसे ज्यादा गर्म महीना रहा। अमेरिका की क्लाइमेट एजेंसी द नैशनल ओशनिक ऐंड अटमोस्फेयरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए)ने यह आंकड़े जुटाए हैं
अप्रैल महीने में ग्लोबल लैंड ऐंड ओशन एवरेज सर्फेस टेंपरेचर रेकॉर्ड 14.5 डिग्री दर्ज हुआ। यह पिछली सदी के 13.7 डिग्री से 0.76 डिग्री ज्यादा है। दुनिया भर के समुद्रों की सतह का टेंपरेचर 20वीं सदी के औसत 16 डिग्री से 0.57 डिग्री ज्यादा था। यहां भी सबसे ज्यादा टेंपरेचर अप्रैल के महीने में ही था। इसी तरह ग्लोबल लैंड टेंपरेचर 20वीं सदी के औसत 8.1 डिग्री से 1.29 डिग्री ज्यादा था। रिपोर्ट कहती है कि प्रमुख समुद्रों खासकर अटलांटिक सागर के भूमध्यरेखीय हिस्सों में गर्मी ज्यादा रही। कुल मिलाकर पूरी दुनिया में सामान्य से ज्यादा गर्मी का माहौल रहा। यह गर्मी खासतौर पर कनाडा, अलास्का, पूर्वी अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका और उत्तरी रूस में देखने को मिली। कुछ हिस्से सामान्य से ठंडे भी रहे। ये थे मंगोलिया, अर्जेंटीना, रूस का पूर्वी भाग, अमेरिका का पश्चिमी और अधिकतर चीन का हिस्सा। अल नीनो क्लाइमेट पैटर्न भी अप्रैल में कमजोर दिखाई दिया। इस पैटर्न में कमजोरी की वजह मूलत: समुद्र का टेंपरेचर बढ़ना है। हालांकि एनओएए का कहना है कि अल नीनो जून में फिर से मजबूत होगा। ध्रुवीय बर्फ के बारे में रिपोर्ट में कहा गया कि लगातार 11 सालों में इस अप्रैल को भी बर्फ का स्तर सामान्य से कम रहा। |